योनि के बारे में जानकारी hindi me - vagina in hindi
योनि वास्तव में क्या है? छोटे बच्चे के रूप में, हमने सीखा कि लड़कों के पास लिंग होता हैं और लड़कियों के पास योनि होती हैं। लेकिन केवल यही सही नहीं है। हमारे जेंडर आइडेंटिटी के विषय को बिना छेड़े, हम सुरक्षित रूप से कह सकते हैं कि जिन लोगों को जन्म के बाद महिला कहा गया है, उनके जननांग में योनि के अलावा भी कई अन्य चीजें हैं और इसलिए आपके पैरों के बीच उभरी हुई उस संरचना को केवल "योनि" कहना बिल्कुल सही नहीं है। एक महिला की योनि आपके जननांग का एक भाग है जो एक यौन अंग के साथ ही बर्थ केनाल का भी हिस्सा है। जैसे कि महिलाओं के विभिन्न आकार के स्तन, हाथ और पैर हो सकते हैं, वैसे ही योनि का आकार और गहराई भी भिन्न-भिन्न हो सकती है। आपकी योनि ऊतकों, तंतुओं, मांसपेशियों और नसों से बनी होती है।
योनि के सबसे बाहरी म्यूकोसल ऊतक को आपस में जुड़े हुए ऊतक की एक परत से सहारा मिलता है जो योनि के लुब्रिकेशन के लिए श्लेष्म (म्यूकस) पैदा करने के लिए मिलकर काम करते हैं। इनके नीचे चिकनी मांसपेशियों की एक परत होती है, जो संकुचित हो सकती है या फैल सकती है, इसके बाद जुड़े हुए ऊतक की एक अन्य परत होती है जिसे अडवेंटिशिआ (adventitia) कहा जाता है।
आपके शरीर के इस गुप्त अंग की बाहर की शारीरिक रचना के बारे में पूरी जानकारी यहां दी जा रही है, जिसमें कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में भी बताया गया है जो आपको आश्चर्यचकित करेंगे। इसलिए यदि आप अपनी योनि के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहती हैं तो हमारा यह लेख पढ़ना जारी रखें। (और पढ़े योनि में कैंसर क्यों होता है )
योनि की संरचना - Portions of Vagina in hindi
वुलवा पूरे बाहरी महिला जननांग का नाम है - इसमें आपकी लेबिया, क्लाइटोरिस, योनि द्वार (वजाइनल ओपनिंग) और मूत्र मार्ग का द्वार (वह छेद जहां से आप पेशाब करती हैं) शामिल है। योनि केवल वुलवा का एक अंग हैं, जबकि कई लोग जब "योनि" कहते हैं तब वे वास्तव में वुलवा की बात कर रहें होते हैं। कोई भी 2 वुलवा दिखने में एक जैसे नहीं होते हैं, लेकिन उनके मूल अंग समान ही होते हैं। ऊपर चित्र में वुलवा के सभी अंगों को उनके नामों के साथ दर्शाया गया है।
वुलवा के मुख्य अंग निम्नलिखित हैं -
- मोंस प्यूबिस
- लेबिया (लाबिया)
- क्लाइटोरिस
- मूत्रमार्ग का द्वार
- योनि द्वार
- एनस (गुदा)
- हाइमन (योनि की झिल्ली)
- जी स्पॉट
लेबिया (होंठ) आपके योनि द्वार के आसपास त्वचा के फोल्ड हैं। लेबिया मेजोरा (बाहरी होंठ) आमतौर पर मांसल होते हैं और बाल से ढंके होते हैं। लेबिया माइनोरा (भीतरी होंठ) आपके बाहरी होंठों (लेबिया मेजोरा) के अंदर होते हैं। वे आपके क्लाइटोरिस से शुरू होते हैं और आपकी योनि द्वार के नीचे समाप्त होते हैं।
लेबिया छोटा या लंबा, झुर्रियों वाला या चिकना हो सकता है। अक्सर एक होंठ दूसरे की तुलना में लंबा होता है। वे रंग में भी अक्सर भिन्न होते हैं। गुलाबी रंग से काले-भूरे रंग के हो सकते हैं। जब आपकी उम्र अधिक हो जाती हैं तो आपकी लेबिया का रंग बदल सकता है। कुछ महिलाओं के लेबिया माइनोरा की तुलना में लेबिया मेजोरा बड़े होते हैं और कई महिलाओं में लेबिया मेजोरा की तुलना में लेबिया माइनोरा बड़े होते हैं। दोनों संवेदनशील होते हैं और जब आप उत्तेजित होती हैं तो वे सूज जाते हैं।
क्लाइटोरिस की नोक आपके वुलवा में ऊपर की तरफ स्थित है, जहां आपके भीतरी होंठ आपस में मिलते हैं। हर किसी की क्लाइटोरिस का आकार अलग हो सकता है। यह एक मटर के दाने या अंगूठे के आकार में हो सकता है। क्लाइटोरिस की नोक को क्लिटोरल हुड द्वारा कवर किया गया होता है। हालांकि यह केवल क्लाइटोरिस का एक छोटा सा दिखने वाला भाग है। क्लाइटोरिस का अधिकांश भाग आपकी योनि के दोनों किनारों पर शरीर के अंदर फैला हुआ होता है। इस भाग को शाफ्ट और क्रुरा (जड़ और पैर) कहा जाता है, यह लगभग 5 इंच लंबा होता है।आपकी क्लाइटोरिस स्पन्जी ऊतक से बनी होती है जो जब आप उत्तेजित होती हैं तो उत्तेजित हो जाते हैं। इसमें हजारों तंत्रिका सिरे होते हैं जो मानव शरीर के किसी भी अन्य अंग में सबसे अधिक हैं। इसका केवल एकमात्र उद्देश्य है आपको आनंद प्रदान करना।
4 मूत्रमार्ग का द्वार
मूत्रमार्ग का द्वार एक छोटा छेद है जहां से आप पेशाब करती हैं, यह आपकी क्लाइटोरिस के नीचे स्थित होता है।
5 योनि द्वार
योनि द्वार आपके मूत्रमार्ग के नीचे होता है। वजाइना (योनि) एक ट्यूब है जो आपके वुलवा को योनि द्वार के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय से जोड़ती है। यह वह जगह है जहां से मासिक धर्म के दौरान रक्त आपके शरीर से बाहर निकलता है और बच्चे भी यहीं से पैदा होते हैं। इसी अंग में आप अंदर कई चीजें, जैसे उंगली, लिंग, सेक्स टॉय या मासिक धर्म के दौरान टैम्पोन और मासिक धर्म कप डालती हैं।
6 एनस (गुदा)
एनस (बट होल) आपके रेक्टम (मलाशय) का द्वार है। गुदा में बहुत से संवेदनशील तंत्रिका सिरे होते हैं, इसलिए कुछ लोगों को गुदा उत्तेजना से यौन आनंद मिलता है।
7 हाइमन (योनि की झिल्ली)
योनिद्वार के पास उत्तकों से बनी एक पतली, मांसल झिल्ली फैली होती है, इसे हाइमन कहा जाता है। हाइमन झिल्ली आपके योनि द्वार में कितना भाग कवर करते हैं, इसमें काफी अंतर पाया जाता है और वे कभी-कभी (लेकिन हमेशा नहीं) जब आप पहली बार योनि में कुछ डालते हैं तो फट सकती हैं, जिससे खून आ सकता है।

8 जी स्पॉट
जी स्पॉट या ग्रैफेनबर्ग स्पॉट, आपकी योनि के अंदर, आपकी नाभि की तरफ स्थित है। यह आपकी योनि के कुछ इंच अंदर स्थित होता है। जब आप उत्तेजित होते हैं तो आपके जी-स्पॉट में सूजन आ जाती है। कुछ महिलाओं को अपने जी-स्पॉट को छूने की भावना पसंद आती हैं।
योनि के रोग - Vaginal illnesses in Hindi
योनि के कई प्रकार के विकार होते हैं, जिनके बारे में हर महिला को पता होना आवश्यक है। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं -
- वैजिनाइटिस (Vaginitis)
- वैजिनिसमस (Vaginismus)
- जननांग मस्से (Genital moles)
- ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis)
- बैक्टीरियल वेजिनोसिस [Bacterial vaginosis (BV)]
- हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस [Herpes simplex infection (HSV)]
- सूजाक (Gonorrhea)
- कोल्पोस्कोपी (Colposcopy)
- योनि बायोप्सी (Vaginal biopsy)
- सूक्ष्मजीवनिवारक (Antimicrobials)
- मस्सों का उपचार (Mole medicines)
- वेजाइनल पेसरी (Vaginal pessary)
- कीगल एक्सरसाइज (Kegel works out)
- एस्ट्रोजन (Estrogen)
- सर्जरी (Medical procedure)
1 वैजिनाइटिस (Vaginitis)
यह एक प्रकार की योनि में होने वाली सूजन होती है जो आमतौर पर यीस्ट संक्रमण या बैक्टीरिया के अतिवृद्धि के कारण होती है। खुजली, डिस्चार्ज (release) और गंध में परिवर्तन इसके प्रमुख लक्षण हैं। वैजिनाइटिस का इलाज एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं से किया जाता है।
2 वैजिनिसमस (Vaginismus)
यौन संभोग के दौरान योनि की मांसपेशियों में अनवांछित ऐंठन होने की स्थिति को वैजिनिसमस कहते हैं। सेक्स या चिकित्सा स्थितियों के कारण होने वाला भावनात्मक दुःख इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। आमतौर पर इसका इलाज व्यायाम, दवाओं आदि से किया जाता हैं।
3 जननांग मस्से (Genital moles)
जननांगों में होने वाले मस्से योनि और गर्भाशय ग्रीवा को प्रभावित करते हैं। उपचार द्वारा ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होने वाले जननांग मस्सों को हटाया जा सकता है।
4 ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis)
यह सूक्ष्म परजीवी द्वारा योनि में होने वाला संक्रमण है। ट्राइकोमोनिएसिस सेक्स द्वारा आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है और इसका इलाज भी आसानी से किया जा सकता है।
5 बैक्टीरियल वेजिनोसिस [Bacterial vaginosis (BV)]
योनि में लाभदायक बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ने के कारण अक्सर दुर्गन्ध और डिस्चार्ज उत्पन्न होते हैं। डूशिंग (Douching) या किसी नए व्यक्ति के साथ यौन संबंध स्थापित करने से बैक्टीरियल वेजिनोसिस हो सकता है। एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा इसका इलाज किया जाता है।
6 हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस [Herpes simplex infection (HSV)]
हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस योनि और गर्भाशय ग्रीवा को संक्रमित करता है जिससे छोटे, दर्दनाक और बार बार उत्पन्न होने वाले छाले और अल्सर हो सकते हैं। इसमें कोई लक्षण न उत्पन्न होना भी आम बात है। यह वायरस यौन संचारित होता है। इसके लक्षणों का उपचार किया जा सकता है लेकिन इसके संक्रमण को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता।
7 सूजाक (Gonorrhea)
गोनोरिया नामक यौन संचारित बैक्टीरियल संक्रमण गर्भाशय ग्रीवा को सर्वाधिक प्रभावित करता है। कभी इसके कोई लक्षण उत्पन्न नहीं होते लेकिन योनि स्राव और खुजली हो सकती है। इससे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic fiery illness) और बांझपन जैसी समस्यायें उत्पन्न हो सकती हैं। एंटीबायोटिक दवाओं से इसका इलाज किया जाता है।
8 कोल्पोस्कोपी (Colposcopy)
इसमें एक सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग श्रोणि, योनि और गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य जीवाणुओं की जांच करने के लिए पैल्विक परीक्षण के दौरान किया जाता है। कोल्पोस्कोपी द्वारा कैंसर और अन्य समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
9 योनि बायोप्सी (Vaginal biopsy)
योनि में संदेहजनक वृद्धि की स्थिति में, योनि ऊतक का एक छोटा सा टुकड़ा कैंसर की जांच के लिए भेजा जाता है, इस प्रक्रिया को बायोप्सी कहा जाता हैं।
10 सूक्ष्मजीवनिवारक (Antimicrobials)
एंटीफंगल दवाएं, यीस्ट संक्रमण का इलाज करती हैं और एंटीबायोटिक दवाओं से जीवाणु संक्रमण का इलाज किया जाता है। एंटीवायरल दवाएं हर्पीस वायरस से होने वाले संक्रमण का इलाज करती हैं।
11 मस्सों का उपचार (Mole medicines)
योनि के मस्सों को हटाने के लिए कई विधियों का उपयोग किया जाता है, जिसमें फ्रीजिंग, रासायनिक, लेजर से जलाने या उनको गर्म वस्तु से दागने जैसी विधियां प्रमुख हैं।
12 वेजाइनल पेसरी (Vaginal pessary)
वेजाइनल पेसरी एक छोटी प्लास्टिक या रबर की डिवाइस होती है जो पेल्विक अंगों का विस्तार करने के लिए उपयोग की जाती है।
13 कीगल एक्सरसाइज (Kegel works out)
कीगल एक्सरसाइज श्रोणि की मांसपेशियों के लिए व्यायाम हैं (जैसे आप मूत्र प्रवाह को रोकते हैं उसी प्रकार)। यह योनि के मुख के बढ़ने और मूत्र असंयमिता (Urinary incontinence) से बचाव करती हैं।
14 एस्ट्रोजन (Estrogen)
महिलाओं के अंदरूनी और बाहरी जननांग एस्ट्रोजन हार्मोन से प्रभावित होते हैं। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं के लिए एस्ट्रोजन उपचार उपयोगी हो सकता है।
15 सर्जरी (Medical procedure)
योनि और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के दुर्लभ मामलों में, ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। सर्जरी योनि का मुख बढ़ाने के लिए भी उपयोग की जाती है। महिलाओं के लिए योनि के बारे में जानने योग्य कुछ ज़रूरी बातें - Things each lady ought to be aware of vagina in Hindin यदि आप योनि सम्बन्धी बातें करने के मामलें में बेहद शर्मीली हैं या सही जानकारी तलाशने में असमर्थ हो रही हैं तो निम्नलिखित जानकारी आपकी समस्या का समाधान करने में सहायक हो सकती हैं। योनि से जुड़े कुछ तथ्य इस प्रकार हैं -
साबुन और कठोर क्लींजर से दूर रहें
आपकी योनि अपने आप को स्वयं साफ रखती है। इसमें विभिन्न प्रकार की ग्रंथियां होती हैं जो योनि क्षेत्र को चिकना और साफ करने के लिए आवश्यक द्रव का उत्पादन करती हैं। सफाई उत्पाद, विशेष रूप से रासायनिक डाई या सुगंध वाले उत्पाद, योनि में जलन उत्पन्न कर सकते हैं और लाभकारी प्राकृतिक बैक्टीरिया को धो सकते हैं। जब ये फायदेमंद बैक्टीरिया धुल जाते हैं तब अनाक्सी (Anaerobic) बैक्टीरिया और यीस्ट उत्पन्न होते हैं जो डिस्चार्ज (Release), गंध और खुजली जैसे लक्षण पैदा करते हैं। इसलिए लेबिया (Labia) वाले क्षेत्र पर हल्का साबुन लगाना ठीक है बाकी योनि में स्वयं स्वच्छ रहने के गुण मौजूद होते हैं।
योनि की औसत लंबाई 3 से 4 इंच होती है
स्त्रीरोग विशेषज्ञ के अनुसार, "कामोत्तेजना के दौरान योनि की लंबाई में दोगुना वृद्धि हो सकती है।" यदि सेक्स के दौरान आपको दर्द का अनुभव हो रहा है तो आप स्नेहक (Oil) का उपयोग कर सकती हैं। आपको जितनी अधिक कामोत्तेजना होगी, संभोग के दौरान उतने ही कम दर्द का अनुभव होगा।
एस्ट्रोजन का स्तर घटना
आपके चेहरे की भांति आपके अंगों में भी उम्र के साथ बदलाव आता है। के अनुसार, "एस्ट्रोजन का स्तर घटने के कारण लेबिया की मोटाई भी कम हो सकती है। योनी की त्वचा गहरे या हल्के रंग की हो सकती है और क्लिटोरिस (Clitoris) सिकुड़ सकता है। एस्ट्रोजन के घटते स्तर के कारण होने वाले ये परिवर्तन आपके यौन संबंधों को प्रभावित नहीं करते हैं।
कामोत्तेजना के दौरान डिस्चार्ज होना
डॉ. k.sinha कहती हैं कि "कामोत्तेजना के दौरान डिस्चार्ज होना असामान्य नहीं है और उम्र बढ़ने के साथ यह और अधिक हो सकता है।" वास्तव में मूत्रमार्ग के आसपास ग्रंथियां होती हैं। जो मूत्राशय और योनि के बीच की ट्यूब के माध्यम से योनि स्राव करती हैं। महिलाओं में प्रोस्टेट, ग्रंथियों के संग्रह, रक्त वाहिकाओं, तंत्रिकाओं और स्पंजी ऊतकों से मिलकर बनता है। जब ये उत्तेजित होते हैं तो द्रव्य का स्रावण करते हैं।
प्रसव के बाद योनि में परिवर्तन
प्रसव के बाद आपकी योनि में दिखने से अधिक महसूस करने लायक परिवर्तन होते हैं। डॉ. स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार, सर्जरी के समय उन्हें मां न बनने वाली महिलाओं के बजाय दो बच्चों की मां के लिए स्पेक्युलम डिवाइस (speculum) की आवश्यकता होती है।
इसलिए यदि आपको लगता है कि प्रसव के बाद आपकी योनि में परिवर्तन आया है तो आप कीगल एक्सरसाइज कर सकती हैं। ये व्यायाम आप कहीं भी और कभी भी कर सकती हैं। इसमें आपको बस मांसपेशियों को सिकोड़ना है, जैसे आप मूत्र के प्रवाह को रोकती हैं। कुछ सेकंड के लिए मासपेशियों को रोकिये और फिर छोड़ दें। इस प्रकार ये प्रक्रिया 10 बार दोहराती रहें। निश्चित तौर पर आपको कुछ दिनों में अन्तर महसूस होगा।
योनि को स्वस्थ रखने के लिए केवल सेक्स ही पर्याप्त नहीं
डॉ. के अनुसार, कुछ नियमिततायें अपनाकर आप योनि को स्वस्थ रख सकती हैं। योनि को स्वस्थ रखने के लिए केवल सेक्स ही पर्याप्त नहीं है। नियमित व्यायाम और कीगल एक्सरसाइज इसके लिए आवश्यक हैं। आप अन्य व्यायामों के लिए डॉक्टर से भी सलाह ले सकती हैं। (और पढ़ें - योनि का कसाव वापस लाने के उपाय)
कुछ महिलाएं बहुत कम और कुछ बहुत अधिक योनि स्राव करती हैं
डॉ. ने नोट किया है कि "प्रजनन के उम्र की एक महिला को आठ घंटे में 1.55 ग्राम योनि स्राव होता है। लेकिन कुछ महिलाएं बहुत कम और कुछ बहुत अधिक उत्पादन करती हैं। आप ओवुलेशन के समय अत्यधिक डिस्चार्ज (1.96 ग्राम) करती हैं।" (और पढ़े - ओवुलेशन से जुड़े मिथक और तथ्य)
कुछ महिलाओं में एक्ट्रोपियन (Ectropion) तब होता है, जब श्लेष्मा उत्पादक ग्रंथियां जो आमतौर पर गर्भाशय ग्रीवा के अंदर होती हैं वो गर्भाशय ग्रीवा के बाहर की ओर उलट (Evert) जाती हैं। यदि आपके गर्भाशय ग्रीवा में यह विशेषता होती है तो आप अधिक श्लेष्मा का उत्पादन करती हैं जो आपके पास डिस्चार्ज की मात्रा बढ़ाता है।सामान्य डिस्चार्ज सफेद रंग का होता है लेकिन जब वह सूख जाता है तो पीला भी दिखाई पड़ सकता है। लेकिन अगर डिस्चार्ज का रंग हरा दिखाई दे और खुजली या जलन महसूस हो तो हो सकता है कि आप यौन संचारित रोग के खतरे में हों इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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