Thyriod in Hindi , थायराइड क्यों होता है और इसके लक्षण क्या हैं एवं उपाय
आजकल कई लोग थायराइड बीमारी से पीड़ित हैं. थायराइड में वजन बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलन भी हो जाते हैं. एक स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड विकार दस गुना ज्यादा होता है. इसका मुख्य कारण है महिलाओं में ऑटोम्यून्यून की समस्या ज्यादा होना है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, थायराइड हार्मोन शरीर के अंगों के सामान्य कामकाज के लिए जरूरी होते हैं.अव्यवस्थित नाइफस्टाइल खाने में आयोडीन कम या अधिकताज्यादा चिंता करना वंशानुगत गलत खानपान और देर रात तक जागना डिप्रेशन की दवाईयों लेना डायबिटीज• भोजन में सोया उत्पादों का अधिक इस्तेमाल | उपरोक्त के अलावा थायरॉइड इन कारणों से भी हो सकता है। Thyriod in Hindi , थायराइड क्यों होता है और इसके लक्षण क्या हैं एवं उपाय |
- . हाशिमोटो रोग
- . थायरॉइड ग्रंथि में सूजन ग्रेव्स रोग
- . गण्डमाला रोग
- विटामिन बी 12 की कमी
1 थायरॉइड से बचाव के उपाय क्या है?
आप निम्नलिखित उपायों को अपनाकर थायरॉइड से बच सकते हैं।
- रोजाना योग करना
- वर्कआउट या शारीरिक श्रम
- सेब का सेवन
- रात में हल्दी का दूध पीना
- धूप में बैठना
- नारियल तेल से बना खाना खाना।
- पर्याप्त मात्रा में नींद लेना।
- ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करें।
- हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन
- पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें।
2 थायरॉइड में क्या नहीं खाना चाहिए?
धूम्रपान, एल्कोहल का सेवन नहीं करना चीनी, चावल, ऑयली फूड का सेवन नहीं करे मसालेदार खाने से बचे मैदे से बनी चीजें नहीं खाए
3 थायरॉइड का इलाज क्या है|
थायरॉइड से सम्बन्धित बीमारी मुख्य रूप से अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवन से होती चाय और कॉफी का सेवन नहीं करे होती है। ऐसे में सबसे पहले अपने खान-पान का ध्यान रखें और तनाव लेने से बचें। साथ ही Thyroid के इलाज के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर कुछ मेडिकल जाँच के बाद इस बीमारी से लड़ने के लिए दवाइयां लिखेगा। जिससे आप कुछ ही दिनों में अच्छा महसूस करेंगे। डॉक्टर आपको हर साल Thyroid की जाँच करवाने के लिए भी बोल सकता है। आज के समय में हम सभी स्वस्थ रहना चाहते हैं। लेकिन व्यस्त जीवनशैली अव्यवस्थित खानपान, शारीरिक श्रम का अभाव जैसे विभिन्न कारणों से हम बीमार पड़ते रहते हैं। कोई न कोई रोग हमारे जीवन को प्रभावित कर ही देता है और हम परेशान होते रहते हैं। इसके अलावा कुछ रोग ऐसे होते हैं जो हमारे शरीर की ग्रंथियों से जुड़े होते हैं। इन्हीं में से एक है थायरॉइड रोग, जो कि हमारी थायरॉइड ग्रंथि से जुड़ा होता है। इसी से जुड़े रोग को वायरोइड रोग कहा जाता है। आइए, इस आर्टिकल में हम Thyroid रोग, थायरॉइड होने के कारण इसके उपचार लक्षण और बचाय के उपायों में जानते हैं।पीरियड में वजन करने के उपाय
4 थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। ये सांस की नली की ऊपर होती है। यह मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अंतस्रावी ग्रंथियों में से एक होती है। इसी थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी आने से ही Thyroid से संबंधित रोग होते हैं। Thyroid ग्लैंड क्यारिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है। ये हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को नियंत्रित करने का काम करता है। थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं की गति को नियंत्रित करता है। शरीर की चयापचय क्रिया में भी Thyroid यचि खास योगदान होता है।
थायरॉइड हार्मोन क्या काम करता है? थायरॉइड हार्मोन के कार्य निम्नलिखित है।
यह हमारे शरीर में वायरोक्सिन हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित रखता है। यह रक्त में चीनी, कोलेस्ट्रॉल और फोस्फोलिपिड की मात्रा को कम करता है। यह हड्डियों, पेशियों, लैंगिक और मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है। हृदयगति और रक्तचाप को नियंत्रित रखता महिलाओं में दुगासाव को बढ़ाता है। बच्चों में स्तन संपीड़न
5 थायरॉइड रोग के कितने प्रकार होते है?
थायरॉइड ग्रंथि से जुड़े विकार दो प्रकार के होते हैं। थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता जब Thyroid ग्रंथि की अतिसक्रियता हो जाती है तो हार्मोन का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है तो फलस्वरूप शरीर भी ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है। इसे ही हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। यह समस्या पुरुषों की तुलना महिलाओं में यह अधिक देखी. जाती है।
6 थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के लक्षण क्या है?
Thyroid ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण शरीर में मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है।
- जिसके निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलते है
- घबराहट अनिद्रा
- चिड़चिड़ापन
- हाथों का काँपना अधिक पसीना आना दिल की धड़कन बढ़ना बालों का पतला होना एवं झड़नामांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना अत्यधिक भूख लगना
- महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता ओस्टियोपोरोसिस से से हड्डी में कैल्शियम तेजी से खत्म होना आदि। थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता थायराइड की अल्प सक्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है। जिसके लक्षण निम्नलिखित है।
- धड़कन की धीमी होना । हमेशा थकावट का अनुभव अवसाद या डिप्रेशन सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील वजन का बढ़ना नाखूनों का पतला होकर टूटना पसीना नहीं आना या कम आना त्वचा में सुखापन और खुजली होना जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न बालों का अधिक झड़ना सोचने-समझने में असमर्थ
- कब्ज रहना
- आँखों में सूजन बार-बार भूलना
- मासिक धर्म में अनियमितता कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना आदि।
7 थायरॉइड रोग क्यों होता है?
थायरॉइड रोग होने के निम्नलिखित कारण है।
- खाने में आयोडीन कम या अधिकता
- ज्यादा चिंता करना
- वंशानुगत गलत खानपान और देर रात तक जागना
- टिपेशन की दवाईयों प्रयबिटीज
- भोजन में सोया उत्पादों का अधिक इस्तेमाल उपरोक्त के अलावा पाय इन कारणों से भी हो सकता है।
- हाशिमोटो रोग रोड में सूजन ग्रेव्स रोग
- गण्डमाला रोग विटामिन बी 12 की कमी
- थायरॉइड से बचाव के उपाय क्या है
आप निम्नलिखित उपायों को अपनाकर थायरॉइड से बच सकते हैं।
- आपको रोजाना योग करना है
- वर्कआउट या शारीरिक श्रम सेब का सेवन धूप नारियल तेल से बना खाना खाना पर्याप्त मात्रा में नींद लेना ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करें
- रात में हल्दी का दूध मे बैठना पीनानारियल तेल से बना खाना खाना पर्याप्त मात्रा में नींद लेना ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करें हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें
- थायरॉइड में क्या नहीं खाना चाहिए? धूम्रपान, एल्कोहल का सेवन नहीं करना चीनी, चावल, ऑयली फूड का सेवन नहीं करे मसालेदार खाने से बचे
- मैदे से बनी चीजें नहीं खाए चाय और कॉफी का सेवन से बचें
Post a Comment