diabetes in hind,डायबिटीज के लक्षण और उपाय
मधुमेह की बीमारी को दाखिल या शुगर भी कहा जाता है, ये बीमारी अनुवाशिक भी होती है। और गलत खानपान या (लाइफस्टाइल डिजिट) होने के कारण भी होता है। मधुमेह के रोगियों को अपने भोजन-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि मधुमेह के रोगी का ब्लड शुगर लेवल का ना तो सामान्य से अधिक होना ठीक रहता है और ना ही सामान्य से कम होना ठीक रहता है। ऐसे में इसकी जांच कर स्तर का पता लगाना चाहिए। यदि मधुमेह का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाए या फिर बहुत अधिक कम हो जाए, तो दोनों ही स्थिति में रोगी की सेहत पर खतरा मंदराता है। आपको जानना जरुरी है की ये दोनों ही स्थितिंया जानलेवा है | तो आये जानते है डायबिटीज के बारे में diabetes in hind,डायबिटीज के लक्षण और उपाय
डायबिटीज होता क्या है ?
हमारे शरीर के पैन्क्रियाज में इंसुलिन की कमी हो जाती है, मतलब ये हुआ की शरीर में कम मात्रा में इंसुलिन पहुंचता है, तो इसके कारन रक्त में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं। इंसुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है। इसका कार्य भोजन को ऊर्जा में बदलना होता है। ऐसे में इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि मधुमेह के मरीज को कब और क्या खा रहे हैं।diabetes in hind,डायबिटीज के लक्षण और उपाय इससे ब्लड शुगर का नेवल कंट्रोल रहता है। इसके लिए डॉक्टर दवाएं देते हैं और कई घरेलू नुस्खे भी हैं, किसी समय मदद से मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।अब हम आपको बताने वाले है की मधुमेह लक्षण के बारे में |
- मधुमेह के लक्षण क्या हैं?
- ब्लड शुगर के लक्षण निम्लिखित प्रकार के है |
- बहुत प्यास लगाना
- बहुत पेशाब करना
- भूख अधिक लगना
- वजन कम होना
- लेकिन शुगर लेवल अधिक होगा तो ये लक्षण भी दिख सकते हैं-
- बेहोश हो जाना
- व्यावहारिक में बदलाव आना
मधुमेह का स्तर उन विकारों में कम होता है, जो आम तौर पर वायरल के टाइप 1 और टाइप 2 से जूझ रहे हैं। हालांकि इस बीमारी के ज्यादातर मामले हलके और सामान्य ही होते हैं,
डायबिटीज का हमारे शरीर पर विभिन्न अंगो पर क्या असर होता है देखें ?
2 अब शुगर के लक्षण मतलब ब्लड शुगर के लक्षण के बारे में जान लेते हैं-
आपके आंखों पर प्रभाव पड़ता है- यदि लंबे समय तक रक्त में ग्लूकोज का स्तर अधिक रहता है, तो इसकी वजह से आंखों के लेंस में अवशोषण हो सकता है। आई आई पर प्रभाव लगता है। इससे आंखों के आकार और नजर में बदलाव आता है।
दौरे पड़ने से मधुमेह का स्तर उन रोगियों में कम होता है, जो आमतौर पर नूडल्स के टाइप 1 और टाइप-2 पर होते हैंसे जूझ रहे हैं। हालांकि इस बीमारी के ज्यादातर मामले हलके और सामान्य ही होते हैं,
कमर के विभिन्न अंगों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
तो अब ज़िंदा हाई ब्लड शुगर के असर के बारे में जान लेते हैं-
डायबिटिक डमड्रोम- मधुमेह की वजह से त्वचा पर रैश होने लगते हैं।
आमाशय कीटोएसिडोसिस का मतलब मेटाबोलिक टैग में होने से गड़बड़ी होती है। जिसकी वजह से उलटी, पेट दर्द घबराहट, गहरी सांस और बेहोशी जैसी स्थिति हो जाती है। शाकाहारी टाइप-1 से जूझ रहे लोग इसका अनुभव कर सकते हैं।diabetes in hind,डायबिटीज के लक्षण और उपाय
पेरिफेरल डायबिटिक न्यूरोपैथी-
ये स्थिति तब होती है, जब रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है। इससे नसों को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसी हालत में मरीज को लगता है कि उसके पैरों में सुई चुभ रही है। विएग टांगों में एक अलग तरह की झंझनाहट होती है और चलते-चलते परेशानी आने लगती है।
पतली रेटिनोपैथी- मधुमेह की स्थिति में आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए पहचान के भीतर स्थित ब्लड वेसल डैमेज हो सकते हैं। इसके कारण अंधता का जोखिम बढ़ जाता है।
3 मानसिक स्वास्थ्य
मानसिक स्वास्थ्य टाइप -2 सूजन की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है| जिसकी वजह से रोगी अवसाद और एंग्जाइटी का शिकार हो जाता है। मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए ब्लड में शुगर का लेवल सही मात्रा में होना जरूरी हो जाता है।
ह्यापरसोमोलर नॉन-केटोटिक स्टेट- ये स्थिति भी टाइप-2 लिमटन के मरीज में ही देखी जाती है। इसके पीछे की वजह से पानी की कमी भी होती है। इसलिए घायल के मरीज को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता। इसी कमी के कारण दूसरे कई रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। तो निर्देशांक अब शुगर के लक्षण और इलाज के बारे में जान लेते हैं।
4 डायबिटीज के लक्षण और उपाय क्या है ?
मधुमेह के लक्षण और निदान के बारे में गंभीर रोगियों के लिए बहुत जरूरी है ताकि मधुमेह की पहचान हो सके और इसका इलाज भी हो सके। मधुमेह के रोगी का मीठा खाने का अधिक मन करता है तो ऐसे में परिवार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह मीठा भोजन न करे। इसके साथ ही जीवन का भी पूरी तरह से ध्यान रखना चाहिए।
5 अब मधुमेह के लक्षण के बाद इसके इलाज के बारे में जानते हैं-
मधुमेह यानी डायबीटीज के इलाज के जरिए खून में मौजूद शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जाता है इसलिए इससे होने वाली जटिलताओं को रोका जा सकता है।
पोषण - डायबिटीज के टाइप-1 और टाइप-2 में ना केवल खाने से जुड़ी जानकारी का ध्यान रखा जाता है, बल्कि इस बात पर भी जोर दिया जाता है कि खाना कब और कितना खाना चाहिए।
शारीरिक पूर्ति-फाइलिंग टाइप-2 सेरक्षा के लिए फाइलिंग करना जरूरी है। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही हृदय रोग और ब्लड शुगर से जुड़ी जटिलताओं को भी रोकने में मदद मिलती है।
दवाएं--टाइप 2 शाकाहारी रोगी के लिए केवल शारीरिक स्थिति और स्वस्थ भोजन का सेव करना ही काफी नहीं होता है, बल्कि उन्हें दवाओं का सेवन भी करना होता है
मधुमेह के कारण क्या हैं-
टाइप 1 मधुमेह के कारण-प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय में इंसुलिन बीटा समूह पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है। जबकि कुछ लोगों की जीन इस मामले में भूमिका निभाते हैं। जिसके कारण इंसुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है।
टाइप 2 मधुमेह के कारण- इसके पीछे इंसुलिन प्रतिरोध होता है। इसे अनुवांशिकी और जीवन के कारकों का संयोजन भी कहते हैं। मोटापा होने से मधुमेह के इस प्रकार का खतरा बढ़ जाता है।
6 शुगर लेवल में वृद्धि के लक्षण क्या हैं-
- शर्करा के स्तर में वृद्धि के लक्षण इस प्रकार हैं-
- वजन घटने लगता है।
- बार-बार पृष्ठ दिखता है।
- पानी ना पीने पर भी यूरिन की मात्रा कम हो सकती है जिससे हाथ या पैर में सुन्नता आ जाती है जिससे मधुमेह की खतरनाक बीमारी हो जाती है। इससे बचने के लिए सटीक समानता बहुत जरूरी है।। उसी के साथ जीवनयापन भी सही होना चाहिए।जल्दी थकान हो जाती है।
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